CG News : राजस्व अधिकारियों के लिए न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम लागू, अब तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर नहीं दर्ज होगी FIR
Raipur : छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की एक मांग पूरी करते हुए राजस्व अधिकारियों के लिए न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर बिना विभागीय अनुमति के सीधे एफआईआर दर्ज नहीं होगी। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने इस मांग को प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने आदेश जारी करते हुए प्रदेश के सभी कमिश्नरों और कलेक्टरों को पत्र जारी कर इसे लागू करने के लिए कहा है।
ऐसा सामने आ रहा था कि न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण के पश्चात असंतुष्ट पक्षकारों द्वारा अपील न कर सीधे पीठासीन अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज करवाने पुलिस में आवेदन दे देते थे। पुलिस द्वारा भी पहले एफआईआर दर्ज कर बाद में जांच हेतु पीठासीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाता था।
ज्यूडिशल ऑफीसर्स प्रोटेक्शन एक्ट 1850 के अंतर्गत न्यायिक अधिकारियों की सद्भावना में किए गए न्यायालय के कार्य अथवा पारित आदेशों के विरुद्ध सिविल न्यायालय में मुकदमा चलाए जाने के संबंध में संरक्षण प्राप्त है। इस अधिनियम के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जो न्यायालय के रूप में काम करता है उसे इस नियत के तहत संरक्षण प्राप्त है। इस अधिनियम के अंतर्गत दिया गया संरक्षण इसी सिद्धांत पर दिया गया है कि जो व्यक्ति न्यायालय के रूप में कार्य करता है उसके कर्तव्यों के प्रभावी निष्पादन के लिए अत्यंत आवश्यक है कि वह व्यक्ति बिना किसी भय के कार्य कर सके।